सिमडेगा: खेल दिवस हॉकी के जादूगर कहलाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्हें हॉकी के सबसे महान खिलाड़ी के तौर पर याद किया जाता है। सिमडेगा की पहचान भी हॉकी के नर्सरी के रूप में है। ऐसे में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस सिमडेगा के खिलाड़ी और खेल प्रेमियों के लिए सुखद लम्हा होता है। राष्ट्रीय खेल दिवस सह हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस पर जिला खेलकूद विभाग सिमडेगा एवं विभिन्न खेल संघ के संयुक्त तत्वावधान में आज सिमडेगा जिला के विभिन्न खेल ग्राउंड में फुटबॉल, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बुसु, टाइकांडो, वॉलीबॉल खेल आयोजन के साथ साथ सिमडेगा एस्ट्रोटार्फ स्टेडियम में खेल विभाग और हॉकी सिमडेगा द्वारा 19 वीं मेजर ध्यानचंद सीनियर सिमडेगा जिला पुरुष एवं महिला हॉकी चैंपियनशिप 2024 आयोजित गया। जिसका विधिवत उद्घाटन सिमडेगा के एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में उपायुक्त अजय कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक सौरभ ने किया। मौके पर डीसी ने कहा कि सिमडेगा का आने वाला भविष्य खेल के लिए स्वर्णिम होगा। जिला प्रशासन और विभिन्न खेल संघ इसके लिए लगातार कवायद में जुटी है।
खेल दिवस का दिन जिस महान खिलाड़ी को समर्पित पहले उनकी बात कर लिया जाए। मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर उनके खेल की तेजधार के बदौलत कहा जाता है कि उन्होंने साल 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीते। 1928 में ग्रीष्मकालीन नीदरलैंड्स के एम्स्टर्डम में खेला गया था। मेजर ध्यानचंद ने साल 1948 में अपना आखिरी मैच खेला और अपने पूरे कार्यकाल में कुल 400 से अधिक गोल भी किए। जो कि एक रिकॉर्ड है। मेजर ध्यानचंद को भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। उन्हें 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार का नाम अब बदल गया है। सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया है। मौके पर उप विकास आयुक्त सिमडेगा संदीप कुमार दोराईबुरु, जिला शिक्षा पदाधिकारी,जिला शिक्षा अधीक्षक सहित विभिन्न खेल संघ के पदाधिकारी, खेलप्रेमी एवं गणमान सदस्य उपस्थित रहे।
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